पंजाब में बाढ़: भाखड़ा–नंगल बांध की दरार और सरकार के प्रयास
पंजाब ने हाल ही में एक बड़ी आपदा का सामना किया जब **सतलुज नदी पर बने भाखड़ा–नंगल बांध में दरार** आ गई। इस दरार के कारण पानी का बहाव तेज हो गया और आसपास के जिलों में **भारी बाढ़** की स्थिति बन गई।
आपदा की शुरुआत
भाखड़ा–नंगल बांध पंजाब की **सिंचाई और बिजली आपूर्ति** का प्रमुख केंद्र है। बांध की दीवार में दरार आने से
* सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ा।
* लुधियाना, जालंधर और रोपड़ जैसे जिलों में पानी भर गया।
* हजारों लोग बेघर हो गए और फसलें बर्बाद हो गईं।
सरकार की त्वरित कार्रवाई
पंजाब सरकार ने बाढ़ की स्थिति पर तुरंत नियंत्रण पाने के लिए कई कदम उठाए:
* एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगाई गईं।
* प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू बोट्स और हेलीकॉप्टर भेजे गए।
* राहत शिविरों में भोजन, पानी और दवाइयों की व्यवस्था की गई।
इन त्वरित कदमों से हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी।
बांध की मरम्मत और सुरक्षा
सरकार की सबसे बड़ी चुनौती थी बांध की मरम्मत।
* इंजीनियरों की विशेष टीम ने दरार को **कंक्रीट इंजेक्शन तकनीक** से भरा।
* **स्टील सपोर्ट** लगाकर संरचना को मजबूत किया गया।
* भविष्य के लिए नियमित निरीक्षण और मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई।
किसानों और प्रभावित परिवारों के लिए राहत
बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ। सरकार ने इसके लिए:
* विशेष राहत पैकेज** की घोषणा की।
* फसल नुकसान का मुआवज़ा दिया।
* बेघर परिवारों को अस्थायी आवास और आर्थिक मदद प्रदान की।
निष्कर्ष
भाखड़ा–नंगल बांध की दरार से आई बाढ़ ने पंजाब को भारी क्षति पहुँचाई, लेकिन **सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया, राहत कार्य और तकनीकी मरम्मत** ने हालात को संभाल लिया। यह घटना हमें सिखाती है कि **आपदा प्रबंधन और समय पर चेतावनी प्रणाली** कितनी आवश्यक है।
✅ मुख्य बिंदु:
* भाखड़ा–नंगल बांध में दरार से बाढ़।
* पंजाब सरकार की त्वरित बचाव कार्रवाई।
* इंजीनियरिंग उपायों से बांध की मरम्मत।
* किसानों और परिवारों के लिए राहत पैकेज।